Saturday, February 13, 2021

Puncher Shop ( Café)

 



मंगू शहर के नज़दीक के एक गांव का रहने वाला है। गरीबी के कारण वह शहर आ गया और अपने एक दोस्त के साथ रहता था। 









वह शहर के एक रेस्टोरेंट के पास पंचर बनाता था और उसका दोस्त पास में ही एक पान की दुकान चलाता था। पंचर का काम अच्छा चल रहा था और स्कूल में सातवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के कारण वह बातचीत में बहुत अच्छा था। उसके कस्टमर्स उससे बहुत खुश थे। उसके जगह पर काफ़ी लोग आते जाते रहते थे।


एक दिन एक नौजवान उसके पास आया और कहा कि क्या वह उसकी एक मदद कर सकता है। मंगू ने मुस्करा कर कहा, क्यों नहीं साहब, बताइए क्या करना है। नौजवान ने उसे एक स्लिप दी और कहा, एक लड़की आयेगी और तुमको मेरा नाम बताएगी तो उसे यह स्लिप दे देना। मंगू ने स्लिप रख लिया और कहा, आप बिल्कुल चिंता न करें, किसी को पता नहीं होगा और मैं भी इसे नही पढ़ूंगा। नौजवान ने उसे कुछ पैसे दे दिए। मंगू ने लड़की को स्लिप दे दी।


कुछ दिनों के बाद, उसकी "स्लिप सेवा" बहुत लोगों ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उसकी ईमानदारी, सादगी और हंसमुख स्वभाव सबको उसके पास ला रही थी। देखते देखते, उसका स्लिप का काम अब कोरियर में बदल गया और लोग उसके पास अब समान भी रखने लगे।


यह काम बहुत अच्छा चलने लगा, और एक दिन एक आदमी कार से उतरा और उसे एक छोटा बैग, स्लिप के साथ दे कर चला गया। किसी कारण से वह बाहर जा रहा था और उसने इस बैग में ३ लाख रुपए और कुछ सोने के गहने रखे थे। एक सप्ताह के बाद वह अपना बैग वापस लिया और उसे तुरंत खोल कर देखा। सबकुछ ठीक था। वह दंग रह गया और मंगू की ईमानदारी  के लिए कुछ करने की योजना बनाने लगा।


एक दिन वह फिर आया और मंगू को अपनी बैग की कहानी सुनाई और कहा , की वह मंगू को एक बड़ी दुकान देना चाहता है। मंगू बहुत खुश हुआ और कहा, साहब हम बहुत खुश हैं आपके मदद से, बस एक और मदद कर देते तो बहुत अच्छा हो जाता। उसने, साहब से कहा, मेरा दोस्त जो पान की दुकान चलाता है, उसके बहन की शादी करनी है और मैं उसे १५ हजार रूपए देकर उसके बहन की शादी कराना चाहता हूं और उनके पैर छुने के लिए झूका, साहब ने उसे रोका और गले से लगाकर कहा, यह कुछ भी नही है तुम्हारी ईमानदारी और सरल स्वभाव के सामने। तुरंत उन्होंने उससे कहा की अपने दोस्त को यह बात बता दो और हमसे पैसे ले लो। 


देखते देखते मंगू के पास एक ऑफिस, लॉकर और रेस्टोरेंट ( Café) भी आ गया और उसने अपने गांव के लोगों की खूब सेवा और मदद करने लगा। मंगू बहुत सुकून की ज़िंदगी जी रहा था।



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