Dolo Tablets (Dolo टेबलेट) के बारे में आज हिंदुस्तान और तमाम अन्य देशों में कौन नहीं जानता है। वे आज एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जो किसी भी प्रोडक्ट के लिए एक सपना होता है। आज गली गली में बच्चों,नौजवान, बुजुर्ग सभी को इनके बारे में पता है। न जाने इनके कितने चाहने वाले उनसे मिलने के लिए आतुर रहते हैं। आज मुझे उनसे मिलने का स्वर्णिम अवसर मिला है। मैं आप की ओर से आपके प्रश्नों का उत्तर उनसे लेने की कोशिश करूंगा और आशा करता हूं कि आपको हमारे मुलाकात से आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा।
अभी से लगभग 1 घंटे के बाद मेरी मुलाकात Dolo टेबलेट से होने वाली है । मैं होटल पहुंच चुका हूं और यहां भारी संख्या में सिक्योरिटी लगाई गई है ताकि Dolo जी अपना काम सुचारू रूप से कर सकें। हम सब जानते हैं कि वह आज एक बहुत बड़ी सेलिब्रिटी/स्टार हैं और फार्मास्यूटिकल जगत के लोग उनके इस सफलता से बहुत खुश हैं। मैं उनसे मिलने का बस इंतजार कर रहा हूं और किसी भी समय मुझे उनसे मिलने का मौका मिल सकता है।
और वह वक्त आ गया जिसका मुझे इंतजार था आप सब लोगों की तरफ से मैं Dolo टेबलेट जी का अभिनंदन करता हूं , इस समय वह मेरे सामने बैठे हुए हैं और मैं अपनी मनस्थिति आपको नहीं बता सकता की इस समय मैं कैसा महसूस कर रहा हूं।
अब मैं उनसे बातचीत शुरू करता हूं, Dolo टेबलेट जी सबसे पहले तो मुझे यह मौका देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद , अब आप से मुझे कुछ जानकारी चाहिए जिसका लोगों को बेसब्री से उसका इंतजार है । सबसे पहले तो आप मुझे यह बताएं कि आप की शुरुआत कब और कैसे हुई।
Dolo टैबलेट जी ने बहुत ही विनम्रता से मुस्कुराते हुए कहा की मैं कोई नया पदार्थ नहीं हूं और मैं उसी उसी पदार्थ का बना हूं जो वर्षों से आप भिन्न-भिन्न प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे हैं इसके लिए मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मैं बिल्कुल नया पदार्थ हूं।
आप सभी को पता ही है कि मैं जिस पदार्थ के कारण इतना मशहूर हूं उसका नाम पेरासिटामोल ( Paracetamol ) है और यह पदार्थ बुखार और दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अब आप कहेंगे कि जब यह पेरासिटामोल पदार्थ से ही मैं बना हूं तो फिर इसमें खास बात क्या है? तो आपका सोचना गलत नहीं है, हां पदार्थ तो पेरासिटामोल ही है लेकिन Dolo टेबलेट केवल परासीटामोल नहीं है और किसी पदार्थ का केवल होना उसके गंतव्य को निर्धारित नहीं करता है। उसे उस गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जिन बारीकियों का ध्यान रखना पड़ता है वह अपने आप में बहुत जटिल काम है और हम आसपास देखते भी हैं कि ऐसी तमाम चीजें जो हम इस्तेमाल करते हैं उनमें विटामिंस, मिनरल्स, स्टार्च, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि होते हैं और तमाम अन्य तरह की चीजें भी होती हैं जिसके कारण वह सुरक्षित रहते हैं और हमारे लिए पोषक होते हैं। फिर भी हम उन चीजों को बना नहीं सकते जैसे, चाय की पत्ती ले लीजिए, उसे हम फैक्ट्री या लैब में नहीं बना सकते, क्योंकि हमारी जानकारी बहुत सीमित है उन चीजों की जो चाय को चाय बनाती है। जिस तरह से चाय की पत्ती के अंदर चाय के तत्व मौजूद होते हैं और सुरक्षित तरीके से रखे रहते हैं ताकि वह सुरक्षित आप के शरीर तक पहुंच सके, ये काम पत्तियां ही कर सकती हैं। वैसे ही हमारा भी निर्माण किया जाता है। वे अनगिनत बातें जिनका हमे बनाने के समय ध्यान रखा जाता है, वह ही हमें विशेष और कामयाब बनाती हैं। Paracetamol पदार्थ तो अपने आप में एक बहुत छोटा अंग है , वह केवल एक शुरुआत है उस लंबी यात्रा की जो आपको Dolo बनाएगा। हम सब जानते हैं कि हम Paracetamol को ऐसे ही नहीं खा सकते, रोटी के साथ पूरी के साथ , चटनी के साथ आदि। एक खास मात्रा में और एक खास तरीके से जब तक उसे नहीं बनाया जाएगा वह मरीज के किसी काम का नहीं आएगा। इसलिए वह तो एक शुरुआत है आपकी यात्रा Paracetamol से शुरू होती है, अब आप क्या-क्या करते हैं, किन किन बातों का ध्यान रखते हैं, क्या क्या पदार्थ उसमें मिलाते हैं ताकि जो गुण आपको उसे गंतव्य तक पहुंचाने में उपयोगी हो वह उसे मिले। बहुत से वैज्ञानिकों का बहुत से लोगों का इसमें अनगिनत समय और सोच लगता है जिसको गिनना और एक नंबर देना असंभव है जब एक आदमी की सोच का पता नहीं होता है तो सैकड़ों दिमाग अलग अलग तरीके से एक प्रोडक्ट को बनाने के बारे में सोच रहे हैं वह नंबर कैसे संभव है ?
उन्होंने आगे कहना शुरू किया की Paracetamol ही पर्याप्त नहीं है Dolo टेबलेट बनाने के लिए अगर ऐसा होता तो फिर Dolo टेबलेट ही क्यों ? बहुत से Paractamol टैबलेट्स, सिरप अन्य प्रोडक्ट भी बाजार में उपलब्ध हैं। और फिर मेरी आज जो प्रसिद्धि है और आप जो मुझसे मिलने इतनी मुश्किल से आए हैं उसका क्या कारण है? उसका कारण Paracetamol नहीं है उसका कारण हमारे अंदर है, Dolo टेबलेट के अंदर है Dolo टैबलेट और Paracetamol में बहुत का फर्क है जैसे चावल और बिरयानी में फर्क होता है प्याज और पनीर दो प्याजा में फर्क होता है, केक और गेहूं में फर्क होता है दोनों अलग चीज है जो गेहूं जानता है वह केक नहीं जानता जो केक जानता है वह गेहूं नहीं जानता दोनों अलग अलग दुनिया है।
तो मुख्य बात यह है की Dolo टेबलेट बनाने में जिन जिन बातों का ध्यान दिया जाता है और जिस तरीके से पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाता है वह अनगिनत सावधानियां, टेस्ट आदि जिम्मेदार हैं इस सफलता के लिए। इस टैबलेट के सफलता के पीछे अनगिनत सोच हैं इसलिए लोग मुझे Paracetamol टेबलेट नहीं कहते , बल्कि Dolo टैबलेट कहते हैं इसलिए आपको यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए की Paracetamol और Dolo टैबलेट्स के बीच एक लंबी यात्रा है और यह यात्रा कई हिस्सों में पूरी होती है। एक तो Paracetamol को Dolo टेबलेट बना देना, फिर बाजार में ले आना और उसके बाद जो मरीज उसका इस्तेमाल करते हैं, उसको आराम देना और जब मरीज को आराम मिलता है उसको किसी तरह की दूसरी तकलीफ नहीं होती है और जितनी तकलीफ है उससे उसको आराम मिलता है तो ही हमारी यात्रा समाप्त होती है, और जब मरीज को आराम हो जाता है तभी Dolo टेबलेट एक सफल प्रोडक्ट के रूप में सामने आता है।
अब मैं कुछ और बातें आपको बताऊं यह महज एक संयोग है की जब यह Corona Pandemic आया तो उसका मुख्य लक्षण बुखार और दर्द था अब चुकी बहुत ज्यादा संख्या में इसके मरीज आने लगे और समय के साथ साथ यह Pandemic में बदल गया और करोड़ों लोग बुखार और दर्द से परेशान थे उस समय उन्हें बुखार से आराम और दर्द से आराम की सख्त जरूरत थी और क्योंकि मैं उस वक्त उन सभी करोड़ों लोगों के हथेली पर पंहूचा लोगों ने मेरा सेवन किया और बुखार और दर्द से आराम महसूस किया तभी जाकर लोगों को यह भरोसा हो गया कि Dolo टेबलेट में कुछ न कुछ अनोखी बात है, यह कोई साधारण Paracetamol टेबलेट नहीं है, एक के बाद एक करोड़ों लोगों को राहत और आराम देने के बाद ही मुझे लोगों का भरोसा मिला क्योंकि यह सभी उम्र के लोगों में फैला था और मैं सभी के काम आया इसलिए लोगों का प्यार मुझे मिला और आज मैं उन लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्हें मैंने आराम पहुंचाया और वह मुझसे प्यार करते हैं, सम्मान देते हैं। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे ऐसा बनाया कि मैं इतने लोगों तक सफलतापूर्वक पहुंच पाया।
Dolo टैबलेट जी की बातचीत सुनने में बड़ा ही रोचक लग रहा था और वह जिस तरह से अपनी बातें कह रहे थे वह भी काबिले तारीफ थी। किसी चीज को जानना और महसूस करना एक अलग बात होती है और उसे रोचक तरीके से किसी दूसरे को बताना वह एक अलग कला है, तो जैसे Dolo टेबलेट जी गुणवान है वैसे ही एक कहानीकार हैं , एक कलाकार है। मैं उसके लिए भी उनको धन्यवाद देता हूं और बहुत आभारी हूं क्योंकि काफी वक्त निकल चुका है, मैं Dolo टेबलेट जी से एक आखिरी सवाल करना चाहता हूं कि इतनी प्रसिद्धि मिलने के बाद अब आपका आगे का क्या सोच है? Dolo टेबलेट ने मुस्कुराते हुए कहा, यह सवाल थोड़ा कड़वा भी है , थोड़ा मीठा भी। कड़वा इसके लिए की मैं दिल से नहीं चाहता कि लोग बीमार हो, दर्द से परेशान हों और मीठा इसके लिए की मैं उन सभी लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जो भरोसा उन्होंने हमारे ऊपर किया है और जिस तरह से मैं Pandemic के समय उन लोगों की सेवा की है उन लोगों को राहत पहुंचाई है ऐसा करने में मैं कभी भी पीछे नहीं हटूंगा जो भी नंबर हमारे सामने आएगा कितने ही लोग हमारे सामने आएंगे, मैं अपने आपको उतना ही बड़ा कर लूंगा जिस तरह से सूरज की रोशनी किसी भी जगह को मांगनी नहीं पड़ती है, वह पहुंच जाता है, वैसे ही आपको मांगना नहीं पड़ेगा कहां है Dolo टेबलेट? आपको मिल जाएगा जब आपको उसकी जरूरत होगी। आशा है हमारी जानकारी आपके काम की थी और मुझसे मिलने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
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